जादुई परियों की कहानी (Pariyon ki kahaniyan) : एक दिन दो सहेली आपस में अपने गुड्डे और गुड़िया के साथ खेल रहे थे और दोनो अपने अपने खिलौने की तारीफ कर रहे थे। तभी पहली सहेली बोलती है , की दखो मेरी गुड़िया कितनी सुन्दर है। इसके लिए मैंने और मम्मी ने सुन्दर सी ड्रेस बनाई है, लग रही है न ये बिलकुल परी जैसी !
हाँ सुन्दर तो है लेकिन मेरे गुड्डे को भी कम मत समझो ओ भी बिलकुल राजकुमार लगता है। तभी पहली सहेली बोलती है मैं कैसे मानु मैंने तो उसे देखा ही नहीं।
हाँ कुछ दिन पहले ही उसे खरीदा है लेकिन मैं उसे यहाँ लाना ही भूल गयी। लेकिन ये देखो ये मेरे गुड्डे का ही घोडा है। ओ इसी पर बैठ कर अपनी गुड़िया लान जायेगा।
मतलब तुम अपने गुड्डे की शादी करने वाली हो।
हाँ , बस कोई अच्छी सी गुड़िया मिल जाय।
स्वीटी मुझे भी अपनी गुड़िया की सदी करनी है। क्यों न हम तुम्हारे गुड्डे की शांदी अपनी गुड़िया से कर दें
आइडिया तो अच्छा है पिंकी फिर हम हमेसा इन दोनो के साथ खेला करेंगे। तो ठीक है कल तुम अपनी गुड़िया को तैयार रखना कल हमारा गुड्डा इसी घोड़े पर तुम्हारी गुड़िया को लेने आयेगा।
क्या ? कल ही। ओहो कितनी तैयारियां करनी पड़ेगी फिर तो , चलो फिर ठीक है मैं मम्मी की मदद ले लुंगी।
इतना कह कर दोनों अपने अपने घर चले जाते हैं और अपनी अपनी गुड्डे और गुड़िया को तैयार करने लगते हैं.ओ दोनों इस शादी से बहुत खुस थे लेकिन कोई था जो इस शादी से खुश नहीं था और ओ रानी परी थी।
क्योंकि जब परीलोक में रानी परी और राजकुमार सिवान की शादी होने वाली थी तब सभी परियां बहुत खुश थी क्योंकि अगर रानी परी और सिवान की शादी हो जाती तो दोनों की शक्तियों के मिलान से परीलोक की सीमाएं और भी मजबूत हो जाती और कोई भी सैतान परीलोक की तरफ आँख उठा कर भी नहीं देख पाता। रानी परी और सिवान की शादी होना पहले से तय था लेकिन यह आसान भी नहीं था। शादी की रस्म पूरी होने से पहले ही एक सैतान जादूगर वहाँ आ जाता है और अपनी शक्ति से रानी परी और राजकुमार सिवान को दोनों को गुड्डे और गुड़िया बना कर दूर भेज देता है। इतना ही नहीं वह सभी परियों को भी अपना बंदी बना लेता है और परीलोक पर राज करने लगता है। लेकिन कुछ पारियां बचकर रानी परी के पास चली आती है।
रानी परी राजकुमार से शादी नहीं हो पाने के कारण उदास थी और रोने लगती है। तभी साथ आयी परियाँ वहाँ आती है और बोलती है सब ठीक हो जाएगा। लेकिन रानी परी रोते हुए बोलती है कुछ भी ठीक नहीं होगा कल स्वीटी मेरी शादी अपने दोस्त के गुड्डे के साथ करवाने वाली है।
आखिर अगले दिन दोनों अपने खिलौने को लेकर आते हैं। और शादी करवाने के लिए सभी चीजों का व्यवस्था करते हैं। लेकिन साथ आयी परियां इस शादी को रोकने की हर सम्भव प्रयास करती हैं। सभी परियां छत में लगे पंखे पर छोटा होकर बैठी होती हैं , की तभी अचानक से पंखा घूमने लगता है और साड़ी परियां गिर जाती हैं। लेकिन गिरने के बाद अपनी जादुई शक्ति से सभी सजावे को खराब कर देती हैं। सजावा ख़राब हो जाने के कारण स्वीटी रोने लगती है और बाहर की ओर चली जाती है। और तभी सभी परियों को मालुम लगता है की ये गुड्डा कोई और नहीं बल्कि राजकुमार सिवान हैं। इस सच्चाई को जानकार फिर से सभी सजावे को वैसे ही कर देते है जैसा की पहले था।
जब जब दोनों बाहर से लौटकर आती है तो बहुत खुश होती है और दोनों की शादी कराने लगते हैं और शादी होते ही रानी परी और राजकुमार सिवान दोनों वापस से असली रूप में आ जाते हैं। लेकिन दोनों सहेलियां बेहोस होती हैं। जब दोनों पुतले के रूप में थे तो दोनों सहेलियां इनका बहुत अच्छे से ख्याल रखती थी। इसलिए रानी पारी इन दोनों को ऐसे छोड़ कर नहीं जाना चाहती थी। ओ इन दोनों के साथ ही रहना चाहती थी। ऐसा जानकर राजकुमार अपनी जादू से ठीक वैसा ही गुड्डा और गुड़िया बना देता है और रानी पारी से बोलता है अब ठीक है जब हमें इनके साथ खेलने का मन करेगा हम आ जाएंगे लेकिन इस रूप म नहीं। फिर दोनों बाकि की परियो के साथ परीलोक चले जाते हैं। और वहाँ उस जादूगर को हराकर अपना राज स्थापित करते हैं इस बार दोनों की शादी हो जाने के कारण जादूगर इनसे जित नहीं पाता है और हार जाता है।
(यह कहनी Best Story Tv यूट्यूब चैनल से ली गयी है। )
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